5 Essential Elements For kahani story moral

एक बार गांव के अन्य किसानों ने रामलाल से पूछा, रामलाल, तुम्हारे पास इतना उत्तम उत्पादन का लक्ष्य क्या है? रामलाल हंसते हुए जवाब दिया, मेरा रहस्य तो यह है कि मैं किसान की जगह सोचता हूं। मैं अपनी फसल को विचारपूर्वक देखभाल करता हूं। इसके साथ ही उसने अपनी कुशलता और मेहनत का सम्मान किया। 

इतना बोलकर उसने अपनी चोंच सुराही में डाल दी। वह मज़े से मछलियाँ खाने लगा। लोमड़ी का इतना बड़ा मुँह सुराही के छोटे से मुँह में जा ही नहीं पा रहा था। वह सारस का मुँह देखती रह गई। अब सारस समझ गई कि लोमड़ी ने अपना बदला ले लिया है।

कुछ ऐसा कीजिये कि अब जो जन्म मिले तो यदि कोई भूखा व्यक्ति मेरे घर आये मैं उसकी खूब मन से सेवा सहायता कर सकूं। यमराज उसकी बात सुनकर प्रसन्न हुए और बोले तथास्तु। 

गीता को एक लाख रुपये मिले। उसने अपने माता-पिता को पैसे दिए और उन्हें एक नया घर खरीदा। 

इलियास ने अपने जादू का उपयोग करके, गोपी के खेतों को उनके पूर्व गौरव पर बहाल कर दिया। इस बार, गोपी ने कृतज्ञता और विनम्रता के साथ अपने खेत की देखभाल की, अपनी प्रचुर फसल को गाँव के साथ साझा किया और अपने बच्चों को कड़ी मेहनत और दयालुता का महत्व सिखाया।

dropped your password? Please enter your username or electronic mail deal with. You will get a website link to create a new password via e mail.

लेकिन सेठ ने उसकी एक न सुनी और फिर एक बार उसे बुरा भला कह कर वहां से जाने के लिए कहा। बेचारा मोहन अपना more info सिर नीचे झुका के वहां से चला गया।

यह सब जानने के बाद सेठ का पत्थर का दिल भी अब मोम की तरह पिघल गया। सेठ को अपने किए पर पछतावा होने लगा। सेठ ने अपने आपको याद दिलाया कि कैसे उसने एक शरीफ और सच्चे आदमी को ज्यादा काम करवा कर भी उसको पूरा पैसा नहीं दिया और जिसको गले से लगाना चाहिए था उसे ठोकर मार कर भगाता रहा।

मैं अब गाँव का सबसे धनी आदमी हूँ, और मुझे पहले की तरह काम करने की कोई ज़रूरत नहीं है।”

अगर हम किसी की मदद करते हैं, तो हमें उसका बदला नहीं चाहिए। हमें बस यह सोचना चाहिए कि हमने किसी की मदद की है और इससे हमें अच्छा महसूस हुआ है।

तब मोहन ने सेठ से कहा बुरा तो बहुत लगता है सेठ जी लेकिन जब घर जाता हूं और भूख से बिलखते अपने मां बाप और बच्चों को देखता हूं तब यह अपमान मुझे कुछ भी नहीं लगता।

ऐसा सुनते ही गीदड़ ने कहा, “अभी नहीं! तुम यहाँ से नहीं गा सकते!” “लेकिन, मैं चाहता हूँ,” गधे ने गुस्से में कहा। गीदड़ ने उसे समझाने की कोशिश करी और कहाँ की, “किसान उसकी बात सुनेगा, उनके पकड़े जाने का डर भी है। जब गधे ने उसकी बात नहीं मानी तब वो वहाँ से चला गया। 

अब दादाजी को नित्य-प्रतिदिन दादाजी को उन बर्तनों में खाना मिलने लगा। दादाजी को इन बातों का बुरा तो लगा किंतु उन्होंने किसी से कहा नहीं।

1 2 3 4 5 6 7 8 9 10 11 12 13 14 15

Comments on “5 Essential Elements For kahani story moral”

Leave a Reply

Gravatar